ज़िद थी नाप लेगें
ये तेरी धरती तमाम
त्रिशंकु* बन देखते हैं
अजब क़ौस-ए-कुज़ह*
त्रिशंकु – एक राजा जो स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा के चलते चांडाल बना व जमीन और आसमान के बीच में ही अटक गया।
क़ौस-ए-कुज़ह – इन्द्र धनुष
त्रिशंकु – एक राजा जो स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा के चलते चांडाल बना व जमीन और आसमान के बीच में ही अटक गया।
क़ौस-ए-कुज़ह – इन्द्र धनुष