अकड़ अकड़ कर अक्कू जी
अण्डा लेने गये बाजार
अम्मा ने अचकन पहनाई
दे दिए रुपये एक सौ चारदस रुपये की अदरक ली
तीस रुपये का लिया अचार
फल वाले से चालीस में
लेकर चल दिए चार अनारदीनू की दुकान पर अक्कू
जा बैठे खोला अखबार
बाकी रुपये देकर बोले
दो दर्जन अण्डे दो यारनहीं एक भी कम मैं लूंगा
रुपये लूंगा एक सौ चार
अलमारी पर लिखा देख लो
नौ नकद न तेरह उधार…प्रीति राघव चौहान